जिसने कभी सूर्य के तेज को देखा
जिसने सूर्य का तेज को देखा होगा
वह आदमी नहीं खुदा होगा.
हम तो छोटी सी बात में उलझ जाते हैं
आग देखने से झुलस जाते हैं.
जुल्म की बात मत करो,
जुल्म को पढ़ने व् देखने से झुलस जाते हैं
वेबफा और वावफा में फर्क न जाने
वेवफा को वफ़ा समझ लेते हैं.
हर जगह चोट खायी है
फिर भी विश्वास किये जा रहा हूँ
मरने की कोशिश कभी न थी,
जीने की कोशिश में मरे जा रहा हूँ.
सारा आकाश नहीं आता किसी के हिस्से
फिर भी मैं कोशिश किये जा रहा हूँ.
समय की गति तेज है लोग कहते है मगर
मैं अपनी गति से चला जा रहा हूँ
कोई बताये 'संजय' की वो क्या कर रहा है
वो तो अपनी धुन में चला जा रहा है.
संजय कुमार
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