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26 October 2011

जो हमें खोना था

जो हमें खोना था

हम वही करते हैं  जो अपने आप होता था.
संजोत है वही  सब जो हमें खोना था
सुविधा जुटाते - जुटाते जिंदगी काट  दी
जो मिलकर भी खोना था वही सजाते सजाते

क्या करे करे , इसी  उहापोह में
लोगो के पैरों तले से जमीं निकल गई
सहारा देने  निकले थे,  
सहारा लेना पड़ गया
जब रोशनी भरपूर थी तब सब लुटा दिया
अब जब अन्धेरा हैं तो खोज रहे है तन -मन लगाकर  

 हम वही करते है जो अपने आप होना था
संजोत है वही सब जो हमें खोना था.

क्यों एक बार नए रास्ते स्वयं बनाये
कठिन से कठिन डगर पर चलकर दिखाए
रात में देखे गए सपनों को सच  कर दिखाए
जीयें और जीने की राह बताये

कोशिश करेंगे तो सब कुछ होगा
पत्थर का सीना चिरेंगे तभी पानी निकलेगा
कलेजे पर हाथ रख और बोल
रुकेगे नहीं, कुछ तो करेंगे

पर अफसोस,  हम वही करते है जो होना था
संजोत  हैं वही सब जो हमें खोना था.

संजय कुमार

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