अपनी गति
जिसने आसमान को कभी छुआ होगा ,
वह आदमी नहीं खुदा होगा|
हम तो छोटी सी बात में उलझ जाते है’
आग देखते ही झुलस जाते है|
जुल्म की बात मत करो,
जुल्म सुनने से मरे जाते है|
बेवफा और बावफा का फर्क क्या जाने
बावफा को ही बेबफा समंझ लेते है|
हर जगह चोट खायी है
चोट देने के नाम से मरे जाते है|
मरने की कोशिश कभी न थी’
जीने की कोशिश में मरे जा रहा हूँ|
हर न्यूज़ में हत्या बलात्कार है,
फिर भी न्यूज़ पढ़े जा रहा हूँ|
सारा आकास नहीं आता किसी के हिस्से ,
फिर भी मै कोशिस किये जा रहा हूँ |
समय की गति तेज है लोग कहते है मगर ,
पर मै अपनी गति से चले जा रहा हूँ|
संजय कुमार
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